हिन्दू धर्म के प्रति नफरत फ़ैलाने वालो की पूरी एक फ़ौज भारत में काम करती है, मिशनरियों और जिहादियों के एजेंट हिन्दू नाम रखकर घुमते है, और हिन्दुओ के प्रति ये लोग नफरत फैलाने का काम करते है, उदाहरण के तौर पर स्वामी अग्निवेश
हिन्दुओ के खिलाफ बड़े पैमाने पर नफरत फैलाई जाती है, हिन्दुओ को तो मात्र 1 थप्पड़ के बाद आतंकवादी बता दिया जाता है, हिन्दुओ को बहुत जल्दी असहिष्णुता से जोड़ दिया जाता है, राहुल गाँधी जैसे लोग तो विदेश के लोगों से ये कहते है की हिन्दू तो लश्कर से भी ज्यादा खतरनाक है
ऐसे तमाम लोगों के मुँह पर केरल के कोच्चि के रहने वाले प्रोफेसर पीए वर्घेसे ने करारा तमाचा मारा - प्रोफेसर पीए वर्घेसे जो की एक ईसाई के रूप में पैदा हुए थे, उनके पूर्वजो ने अंग्रेजों की सरकार के समय ईसाइयत अपना लिया था
पर प्रोफेसर पीए वर्घेसे ने जब धर्म का अध्यन किया तो उन्होंने ईसाइयत को त्यागकर सनातन हिन्दू धर्म अपना लिया - प्रोफेसर पीए वर्घेसे ने कहा है की - हिन्दू धर्म को किसी के भी सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है
प्रोफेसर पीए वर्घेसे ने कहा की मैं पहले रोमन कैथोलिक ईसाई था, पर जब मैंने अध्यन किया तो पाया की हिन्दू धर्म दुनिया में एकमात्र धर्म है जो की किसी से भी नफरत नहीं सिखाता, हिन्दू धर्म स्वयं में ही सेक्युलर है, अन्य धर्म कहते है की तुम हमारा धर्म अपनाओ, बाइबल कहती है की ईसाई बनो, कुरआन कहता है की मुसलमान बनो, सिर्फ हिन्दू धर्मग्रन्थ कहते है की इंसान बनो
प्रोफेसर पीए वर्घेसे ने कहा की हिन्दुओ को स्वयं पर गर्व करना चाहिए, और किसी से भी हिन्दुओ को सर्टिफिकेट लेने की जरुरत नहीं है